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बचपन में मां की मृत्यु के बाद जब मैं मामा के पास राजस्थान के केकड़ी कस्बे पहुंचा, तो वहां मुझे पुस्तकों के बीच सुमित्रानंदन पंत जी की एक पतली कविता की पुस्तक मिली थी- ‘उच्छवास’, जो उन्होंने अपने हस्ताक्षर के साथ किसी को भेंट की थी।

from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala बचपन में मां की मृत्यु के बाद जब मैं मामा के पास राजस्थान के केकड़ी कस्बे पहुंचा, तो वहां मुझे पुस्तकों के बीच सुमित्रानंदन पंत जी की एक पतली कविता की पुस्तक मिली थी- ‘उच्छवास’, जो उन्होंने अपने हस्ताक्षर के साथ किसी को भेंट की थी।

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